Tuesday, November 19, 2019

बाबा प्रवचनों में जालसाजी का प्रमाण #3 Adulteration in Bábá’s discourses proof #3


बाबा

बाबा प्रवचनों में जालसाजी का प्रमाण #3
Adulteration in Bábá’s discourses proof #3


Namaskar,

Bábá's scripture is the guiding light for all Ánanda Márgiis and seekers of dharma. Yet, the discourses Tiljala Publications (TP) has published in the Ánanda Vacanámrtam (AV) series are riddled with gross discrepancies and errors. This is readily apparent when comparing TP's printed AV books with what Bábá spoke, i.e. the original sound files of those same discourses. And that deviation is the focal point of this letter.


This is not merely a Hindi-Bangla fight; it affects all

Specifically, Bábá delivered His discourses using His chosen words and terms, but those in Publications printed something entirely different.

Some may assume that, "This Hindi distortion does not affect me." But we have to remember that for all Ánanda Márgiis, Guru is one. And He delivered His discourses in essentially three languages: Hindi (50%), Bengali (30%), and English (20%). All subsequent translations of AM books stem from the root language discourse. So once an original Hindi or English discourse is ruined then that taints all other language editions, whether that be Spanish, Russian, Chinese, German, Tagalog, or Bengali.

Verily, the result is a harmful chain reaction that adversely affects all editions of our AM books. So this is of great concern for Ánanda Márgiis and all readers. By this ruination, the errors get systemically injected into all AM books - all editions and all languages. Having an accurate transcription of the discourse in its root language is absolutely integral to achieving a proper body of scripture. So this is not just some local Hindi-Bengali dispute. Rather this ruination affects everyone: you, me, our Márgii brothers and sisters, and all future generations of sadhakas and researchers.


You have Bábá’s audio, match new scan, & catch distortion

Here in this post, we examine a single discourse as a case study. And we also provide you with two key elements:

    #1: Audio of the discourse
    #2: New scan of the discourse

By this way you are able to evaluate the situation for yourself and see how Tiljala Publications distorted Bábá's original discourse. And please bear in mind, this discourse is not an isolated example. Rather, this problem of distortion is rampant throughout their published discourses.

To get the audio, please see note 2 at the end of this post. From there you will be able to download the sound file of the discourse and compare it with the new scan of the Tljala Publications book below.

Note: Those readers who cannot understand Hindi, should kindly take the help of Google translate or another such similar software. By this way you will be able to get the overall idea of the distortion.

The central idea is that in the below new scan the red underlined words are not present in Bábá’s audio. That means TP wrongly inserted all the red underlined terms into the discourse. Verily, just by looking at and counting the words underlined in red, you can easily see the high degree to which they have distorted Bábá's discourse.


नमस्कार,

अब हम लोग आएँ, देखेँ कि आनन्दमार्ग की हिन्दी की पुस्तकें कहाँ तक शुद्ध हैं । अगर वे दूषित हैं, तो क्या क्या दूषण है । इसके लिए आपके सामने प्रस्तुत हैं दो चीज़ें--

बाबा प्रवचन में ठगी

१) बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल (audio file) अगर डाउनलोड नहीं किए हैं तो इसे डाउनलोड करके सुनिए ।

प्रवचन को डाउनलोड करने के लिए देखें नोट नम्बर दो लिन्क |

२) नीचे देखें प्रस्तुत है -
AMPS तिलजला द्वारा छापी गई आनन्दवचनामृतम्‌ भाग पाँच, प्रवचन संख्या 105, सायङ्काल, जनरल दर्शन १७ नवम्बर १९७८ दिल्ली (EGD 17 November 1978, Delhi) का नया स्केन ।

अब बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल सुनिए और नीचे के नए स्केन से मिलाइयें ।


बाबा प्रवचनों का तिरस्कार, बरबादी, लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द कूड़ा

अब आप ऑडियो कैसेट को ३ मिनट २५ सेकण्ड से शुरू कीजिये । अब उसे प्रस्तुत नए स्केन से तुलना कीजिए । अब आपको पता चल जाएगा कि लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित  (underline) शब्द प्रवचन के ऑडियो फाइल के नहीं हैं | जिस शब्द के नीचे लाल रेखा है, वह शब्द बाबा का नहीं है | वह दादा सर्वात्मानन्द ने हिन्दी की किताब को बरबाद करने के लिए अपने चमचों से डलवाया है | बाबा के हिन्दी प्रवचनों से तिलजला प्रकाशन को घृणा है | इसका प्रमाण है कि बाबा जो शब्द बोले हैं, उन शब्दों को फेंककरके उनके बदले बनावटी शब्द अर्थात्‌ कूड़ा, किताब (आ०व० - ५) में छाप दिया | यह तिलजलावालों का घोर अन्याय है |

नीचे के नए स्केन में देखें ऑडियो का टाइम | लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द बाबा के नहीं हैं, वे मिलावट के हैं   |
Please see below the new scan. The red underlined words are all garbage. You will not find these words in Bábá’s audio. This is just pure adulteration.





Please see above the new scan. The red underlined words are all garbage. You will not find these words in Bábá’s audio. This is just pure adulteration.

ऊपर के नए स्केन में देखें ऑडियो का टाइम | लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द बाबा के नहीं हैं, वे मिलावट के हैं   |


नया स्केन देखें---लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित शब्द कूड़ा है | लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित शब्द बाबा के नहीं हैं | ये लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित शब्द देख रहे हैं न ? यह सब मिलावट दादा सर्वात्मानन्द ने की है |

अब आप खुद बाबा प्रवचन को चलाइए और आपको और स्पष्ट हो जाएगा कि हिन्दी आनन्दवचनामृतम्‌ में जो छपा है, वह बाबा के शब्द नहीं हैं |

ऑडियो सुनकर शुद्ध पुस्तक बनाना होगा

सभी मार्गियों को मिलकर बाबा के ऑडियो प्रवचन के आधार पर नई पुस्तक बनाने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं है |

अब समय नहीं है, अगर मार्गी और डबल्यूटी लोग भाई बहन लोग परमपुरुष बाबा के रिकॉर्डेड ऑडियो कैसेट को सुनकर उसे ज्यों का त्यों उतारकर बाबा के प्रवचनों की शुद्ध पुस्तक नहीं बनाए, तो बाबा की शिक्षा सदा के लिए लुप्त हो जाएगी । क्योंकि अभी तक आनन्दमार्ग की जो हिन्दी की पुस्तकें उपलब्ध हैं, उनमें अधिकांश कूड़ा भरा हुआ है ।

नमस्कार,
मधुसूदन गुहा


Namaskar,
Madhusudan

कृपया इसे शेयर करें, इसे बाँटें सोशल मीडिया में | जिनके पास ईमेल नहीं है, उन्हें फ़ोन से इस मुद्दे को समझाएँ |

Please share this letter via your social media accounts, with all Márgii brothers and sisters. Those who do not have email, please guide them on this critical issue by phone.

नोट :- नए स्केन में सिर्फ़ आधे पेज में ही रङ्ग लगाया गया | बाक़ी के भाग में कितना कूड़ा अर्थात्‌ मिलावट के शब्द हैं, पिछले पत्र में व्याख्या हो चुकी | उसका लिन्क नीचे मिल जाएगा |

नोट दो :- बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल (audio file) अगर डाउनलोड नहीं किए हैं तो डाउनलोड करने के लिए यह है लिन्क--


https://Ánandamargadiscourses.blogspot.com/2019/11/addendum-sound-file-adulteration-in.html

नोट तीन :- याद रहे कि रुद्रानन्द भी तिलजला की मिलावटी किताब को ही अपने ग्रुप के नाम से छापकर बेचते हैं | अर्थात्‌ वे भी बाबा के मिलावटी प्रवचन मार्गियों को बेचते हैं | इस प्रकार से वे मार्गियों की आँख में धूल झोंकते हैं | 


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