Saturday, November 16, 2019

बाबा प्रवचनों में प्रदूषण का प्रमाण #2 / Adulteration in Baba’s discourses #2


बाबा

बाबा प्रवचनों में प्रदूषण का प्रमाण #2
Adulteration in Baba’s discourses #2

Namaskar,

This letter is dealing with the discourse “In Kali Yuga, Strength Lies in an Organized Body”, given in Patna on 31th Dedember 1978. It was published in the book AV-7, and is discourse #145. This is an issue of distortion.

We are discussing about how in comparison with Bábá’s recorded discourses, in our Ánanda Vacanámrtam etc which are published by Tiljala Publications (TP), there are a lot of discrepancies. Bábá has spoken one thing, whereas they have printed something enitirely different. Whatever Bábá spoke, TP first did Bengalization -- translating into Bengali -- and then they printed that in the English and Hindi books. Unfortunately, Rudrananda group also reprints and sells in their own group name, the same distorted, altered Bábá books. And they have no interest in fixing the discourses. Here in this post, one discourse is provided as an example. For this discourse we provide the following two things:


Download Bábá’s audio, match scan, catch distortion

The related Bábá audio. Please see note 2 at the end of this post, then download the sound file of the discourse and compare it with the Tljala Publications book scan below.
A scan of the related Ánanda Vacanámrtam discourse.

Note: Those readers who cannot understand Hindi, should kindly take the help of google translate or another such similar software, so as to get an idea of what it is that we are discussing.

The central idea is that in the below scan, the red underlined words are not present in Baba’s audio. And the second problem is that they have unnecessarily discarded many of Baba’s words. This is disgraceful.


नमस्कार,

अब हम लोग आएँ, देखेँ कि आनन्दमार्ग की हिन्दी की पुस्तकें कहाँ तक शुद्ध हैं । अगर वे दूषित हैं, तो क्या क्या दूषण है । इसके लिए आपके सामने प्रस्तुत हैं दो चीज़ें ।



बाबा प्रवचन में धोखाधड़ी  

१) बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल (audio file) इसे डाउनलोड करके सुनिए ।

प्रवचन को डाउनलोड करने के लिए देखें नोट नम्बर दो लिन्क |

२) नीचे देखें प्रस्तुत है - AMPS तिलजला द्वारा छापी गई आनन्दवचनामृतम्‌ भाग ७, प्रवचन संख्या १४५, प्रातःकाल, जनरल दर्शन ३१ दिसंबर १९७८ पटना
(MGD 31 December 1978, Patna) का स्केन ।

अब बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल सुनिए और नीचे के स्केन से मिलाइये ।


बाबा प्रवचनों की बरबादी, लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द कूड़ा

अब आप ऑडियो कैसेट को २ मिनट १० सेकण्ड से शुरू कीजिये । २ मिनट १० सेकण्ड से बाबा हिन्दी में बोलना शुरू कर दिए हैं । अब उसे प्रस्तुत स्केन से तुलना कीजिए । बाबा के अधिकांश शबों को उन लोगों ने इस पुस्तक में नहीं छापा | बाबा के शब्दों को फेंक दिया | प्रमाण है बाबा की ध्वनि |

नीचे के स्केन में देखें ऑडियो का टाइम | लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द बाबा के नहीं हैं, वे मिलावट के हैं   |





ऊपर के स्केन में देखें ऑडियो का टाइम | लाल रङ्ग से रेखाङ्कित शब्द बाबा के नहीं हैं, वे मिलावट के हैं   |

स्केन देखें---लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित  शब्द कूड़ा है | लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित  शब्द बाबा के नहीं हैं | ये लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित  शब्द देख रहे हैं न ? यह सब मिलावट दादा सर्वात्मानन्द ने की है

अब आप खुद बाबा प्रवचन को चलाइए और आपको और स्पष्ट हो जाएगा को हिन्दी आनन्दवनामृतं में जो छपा है, वह बाबा के शब्द नहीं हैं |


ऑडियो सुनकर शुद्ध पुस्तक बनाना होगा

सभी मार्गियों को मिलकर बाबा के ऑडियो प्रवचन के आधार पर नई पुस्तक बनाने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं है |

अब समय नहीं है, अगर मार्गी और डबल्यूटी लोग भाई बहन लोग परमपुरुष बाबा के रिकॉर्डेड ऑडियो कैसेट को सुनकर उसे ज्यों का त्यों उतारकर बाबा के प्रवचनों की शुद्ध पुस्तक नहीं बनाए, तो बाबा की शिक्षा सदा के लिए लुप्त हो जाएगी । क्योंकि अभी तक आनन्दमार्ग की जो हिन्दी की पुस्तकें उपलब्ध हैं, उनमें अधिकांश कूड़ा भरा हुआ है ।

नमस्कार,
मधुसूदन गुहा

Namaskar,
Madhusudan

Note 1: What is the Bangalisation / Bangalization of an English discourse?

It is when Baba spoke in English and that English discourse is not directly transcribed and printed in English. Rather that original English discourse is translated into Bengali. And then from that translated Bengali version it is double-translated back into English and then finally printed in English, whereby the original English words are lost. This entire process of ruining Baba’s original discourse is known as the Bangalisation / Bangalization of Baba’s English discourse.


Note 2: What is the Bangalisation / Bangalization of a Hindi discourse?

It is when Baba spoke in Hindi and that Hindi discourse is not directly transcribed and printed in Hindi. Rather that original Hindi discourse is translated into Bengali. And then from that translated Bengali version it is double-translated back into Hindi and then finally printed in Hindi, whereby the original Hindi words are gone. This entire process of ruining Baba’s original discourse is known as the Bangalisation / Bangalization of Baba’s Hindi discourse.


Note 3: Bangalisation / Bangalization analogy

By simple analogy, one can understand what Bangalisation / Bangalization is. Suppose you have a white t-shirt that you wish to wear. Then suppose there is a dogmatic belief (Bangalisation / Bangalization) that this shirt should first be placed in a bucket of black charcoal. And by so doing the shirt became filthy black. The original white color became permanently lost. So "via Bangla" is like that. When Baba's original Hindi is filtered through a Bangla translation to make the printed Hindi, then in that process Baba's original Hindi words get completely lost. And that is what happens with this process of Bangalisation.

Namaskar,
Shephali Dutta


अब आप ऑडियो कैसेट को २ मिनट १० सेकण्ड से शुरू कीजिये । २ मिनट १० सेकण्ड से बाबा हिन्दी में बोलना शुरू कर दिए हैं । अब उसे प्रस्तुत स्केन से तुलना कीजिए । अब आपको पता चल जाएगा कि लाल रङ्ग से अधोरेखाङ्कित  (underline) शब्द प्रवचन के ऑडियो फाइल के नहीं हैं | जिस शब्द के नीचे लाल रेखा है, वह शब्द बाबा का नहीं है | वह दादा सर्वात्मानन्द ने हिन्दी की किताब को बरबाद करने के लिए अपने चमचों से डलवाया है | बाबा के हिन्दी प्रवचनों से तिलजला प्रकाशन को घृणा है | इसका प्रमाण है कि बाबा जो शब्द बोले हैं, उन शब्दों को फेंक करके उनके बदले बनावटी शब्द अर्थात्‌ कूड़ा, किताब (आ०व० - ७) में छाप दिया | यह तिलजलावालों का घोर अन्याय है |

नोट :- स्केन में सिर्फ़ आधे पेज में ही रङ्ग लगाया जा सका | बाक़ी के भाग में कितना कूड़ा अर्थात्‌ मिलावट के शब्द हैं, कल के पत्र में व्याख्या होगी |

नोट दो :- बाबा के प्रवचन का ऑडियो फाइल (audio file) डाउनलोड करने के लिए यह है लिन्क--
https://anandamargadiscourses.blogspot.com/2019/11/addendum-sound-file-2-adulteration-in.html

नोट तीन :- याद रहे कि रुद्रानन्द भी तिलजला की मिलावटी किताब को ही अपने ग्रुप के नाम से छापकर बेचते हैं | अर्थात्‌ वे भी बाबा के मिलावटी प्रवचन मार्गियों को बेचते हैं | इस प्रकार से वे मार्गियों की आँख में धूल झोंकते हैं |


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