Monday, January 11, 2021

शास्त्र घोटाला—हिन्दी पुस्तक निर्माण का इतिहास

नमस्कार,


शास्त्र घोटाला—हिन्दी पुस्तक निर्माण का इतिहास


नोट :- निम्न सूचना ऐतिहासिक है । ऐसा हुआ है और हो रहा है । यहाँ किसी की निन्दा या स्तुति नहीं की जा रही है । जैसे, १९७५ में इन्दिरा गांधी ने आनन्द मार्ग पर प्रतिबन्ध लगाकर सभी आनन्दमार्गियों को जेल में बन्द कर दिया और बहुत सताया । तो आज, इसकी चर्चा कि—“इन्दिरा गांधी ने आनन्दमार्गियों को बहुत सताया”, यह बोलना “इन्दिरा गांधी की निन्दा” नहीं कहा जाएगा; यह इतिहास है । उसी तरह से आइए, देखें कि बाबा के हिन्दी प्रवचनों से हिन्दी किताबें कैसे बनती थी, और बन रही हैं । इतिहास और वर्तमान जानें ।


बाबा के मूल हिन्दी प्रवचनों का बंगालीकरण कैसे हुआ, उसकी परिभाषा—

बाबा ने पटना / दिल्ली / जम्मू / जयपुर / रायपुर / मुम्बई / मुजफ्फरपुर आदि कहीं भी हिन्दी क्षेत्र में बाबा ने हिन्दी में प्रवचन दिया उसको कैसेट से उतारकर सीधे हिन्दी पुस्तक नहीं बनाई जा सकती थी और है । हिन्दी पुस्तक बनाने के लिए, बाबा के हिन्दी प्रवचन का बंगालीकरण इस प्रकार से करना होगा—

अ) बाबा के हिन्दी प्रवचनों को बंगाली में अनुवाद करना होगा |

आ) फिर उस बंगाली अनुवाद को बंगाली किताब के रूप में छापना होगा |

इ) फिर उस बंगाली किताब को मूल मानकर हिन्दी में अनुवाद करना होगा |

ई) फिर उस हिन्दी अनुवाद को हिन्दी पुस्तक के रूप में छापना होगा | और उस हिन्दी पुस्तक में प्रकाशक के पृष्ठ में लिख देना “मूल बंगाली से अनूदित” । 


इस उपरोक्त पूरी प्रक्रिया को हिन्दी प्रवचनों का बंगालीकरण कहते हैं | इसी बंगालीकरण प्रक्रिया से संस्था की सभी हिन्दी पुस्तकें बनाई जाती रही हैं । 


नोट :- अगर यही अन्याय हिन्दी प्रवचन बिगड़नेवालों की भाषा के साथ हुआ होता, तो आज तक खून-ख़राबा हो गया होता । 


याद रहे, हम किसी का खून-ख़राबा नहीं चाहते । शोषण बन्द हो, यही इच्छा है ।  


दुर्भाग्य है बाबा के हिन्दी प्रवचनों पर युगों से शोषण हो रहा है । और, बाबा के अपने ही शिष्यों को कोई परवाह नहीं है । यह अन्धेरी रात ज़्यादा दिन नहीं रहेगी । 


इस प्रकार से बाबा हिन्दी प्रवचनों की बरबादी जो युगों से हो रही है, अब उसका अन्त होना चाहिए ।  

बंगालीकरण का अन्त होना चाहिए । 


नमस्कार,

रचना

Saturday, January 9, 2021

शास्त्र बचाओ आन्दोलन के विरोधियों की सूची

बाबा


शास्त्र बचाओ आन्दोलन के विरोधियों की सूची


परमपुरुष बाबा का कहना है कि समाज की प्रगति कैसे कैसे हुई, उस सम्बन्ध में आम जनता को कितना सङ्घर्ष करना पड़ा, कैसे कैसे पाप शक्ति ने उसका विरोध किया अपप्रचार किया और समाज कैसे आगे बढ़ा, इस सब सम्बन्ध में इतिहास लिखा जाना चाहिए, जिसे पढ़कर भविष्य में आनेवाली पीढ़ी को अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रेरणा मिलेगी |

1990 में जब वार्षिक महाप्रयाण आयोजन का विरोध शुरू हुआ उस समय क़रीब क़रीब सभी लोग महाप्रयाण मनाते थे | फास्ट फ़ार्वार्ड 2020 | आज किसी से पूछेंगे तो वे बोलेंगे कि हम शुरू से ही महाप्रयाण के विरुद्ध थे |

जब अन्याय के विरुद्ध आन्दोलन शुरू होता है, तब ज़्यादातर लोग तमाशा देखते हैं और कुछ लोग आन्दोलन के समर्थन में हो जाते हैं, और कुछ लोग घोर विरोधी | इस सब का लेखा-जोखा इतिहास में रखना ज़रूरी है |

प्रस्तुत है एक सूची उन लोगों की जो शास्त्र घोटाला आन्दोलन से सम्बन्धित दस्तावेजों को अपने व्हाट्सएप फ़ोरम पर पोस्ट नहीं करने देना चाहते थे और इसके लिए कोई स्पष्ट रूप से तो कोई बहाना बनाकर मना कर दिए थे | आश्चर्य की बात यही है कि ये लोग अपने गुरु के प्रवचनों के साथ जो अन्याय हुआ, आनन्दमार्ग शास्त्र की बरबादी हुई, उस पर चर्चा इन लोगों ने नहीं होने दी | और चर्चा करनेवालों को अपने ग्रुप से निकाल दिया |

इनकी लिस्ट यहाँ रखना ज़रूरी है जिससे कुछ साल बाद जब सभी आनन्दमार्गी स्वीकार कर लेंगे कि शास्त्र घोटाला नहीं होना चाहिए, तब निम्न फ़ोरम के मालिक भी बोलेंगे कि वे शुरू से ही शास्त्र घोटाला आन्दोलन के पक्ष में थे | वे ऐसा नहीं बोल सकें, और इतिहास शुद्ध हो, इसलिए प्रमाण यहाँ इकट्ठा किया जा रहा है उन लोगों का जो बाबा प्रवचन को नष्ट करनेवालों का शायद मौन समर्थन करते हैं | और शास्त्र घोटाला आन्दोलन के खुले आम विरुद्ध हैं । या बाबा के विशुद्ध प्रवचनों में उनकी कोई रुची नहीं है । इन्हें मिलावटी प्रवचन ही पसन्द हैं, ऐसा लगता है । इसलिए शास्त्र घोटाला के दस्तावेजों को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट करने से मना किए और आन्दोलनकारियों को अपने ग्रुप से इन लोगों ने निकाल दिया ।