Friday, December 18, 2020

शास्त्र घोटाला :- निरञ्जन जी की गवाही, बोन्डे जी का अल्प ज्ञान, उलटी शिक्षा और भेड़-चाल

नमस्कार,


 शास्त्र घोटाला :- निरञ्जन जी की गवाही, बोन्डे जी का अल्प ज्ञान, उलटी शिक्षा और भेड़-चाल

निरञ्जन जी (दिल्ली) ने सुभाषित संग्रह ७-१२ हिन्दी के बंगलाइज़ेशन की प्रत्यक्षदर्शी घटना मार्गियों के सामने प्रस्तुत किया । जिसमें उन्होंने बताया कि २००३ में आचार्य हरिशङ्कर जी ने सर्वात्मानन्द जी के आदेश से हिन्दी सुभाषित संग्रह को विधिवत्‌ बरबाद किया । उस बरबादी का उसी समय विरोध मनीषानन्द जी ने किया । यह घटना राँची की है । आचार्य हरिशङ्कर जी के द्वारा बरबाद की हुई पुस्तक कुछ साल में छपी, जिसमें लिखा हुआ है “आचार्य हरिशङ्कर द्वारा मूल बाँग्ला से अनूदित” । दुःख की बात यह थी कि पुस्तक में बाबा के मूल हिन्दी प्रवचन को मूल बाँग्ला बनाया गया था । इस पर निरञ्जन जी ने जब हरिशङ्कर जी से पूछा कि, आप ऐसा पाप क्यों कर रहे हैं, तब हरिशङ्कर जी ने कहा कि, दादा सर्वात्मानन्द जी का आदेश है कि बंगलाइज़ेशन किया जाए, सीधे हिन्दी ऑडियो से हिन्दी किताब नहीं बनेगी, इसलिए बंगलाइज़ेशन कर रहा हूँ । प्रत्यक्ष प्रमाण है कि आचार्य हरिशङ्कर जी ने महापाप किया । इस पाप का कुपरिणाम युगों युगों तक चलता रहेगा । 


सर्वविदित है कि बाबा के हिन्दी प्रवचन को ज्यों का त्यों बाबा के ऑडियो प्रवचन से उतारकर हिन्दी किताब में छापना चाहिए । जब कि अपराधियों ने ऐसा किया—हिन्दी प्रवचन को बाँग्ला में अनुवाद करके बाँग्ला किताब बनी और उस बंगाली किताब से हरिशङ्कर जी ने हिन्दी में अनुवाद किया और किताब बनाया और उसमें छापा गया, “आचार्य हरिशङ्कर द्वारा मूल बाँग्ला से अनूदित” । इस तरह से आनन्दमार्ग धर्मशास्त्र की बरबादी हुई । 


हरिशङ्कर जी और सर्वात्मानन्द जी के इस पाप को ढकने के लिए भोपाल के एक मार्गी बोन्डे जी ने अल्प ज्ञान के कारण लोगों को त्रुटिपूर्ण शिक्षा दी कि जिसका आशय यह है कि हरिशङ्कर जी और सर्वात्मानन्द जी का पाप एक पुरानी घटना है, इसे अब भूल जाना चाहिए और अपराधियों को माफ़ कर देना चाहिए ।


अब देखें परमपुरुष बाबा का इस विषय में क्या आदेश है—


बाबा का आदेश :- शास्त्र लुटेरों को क्षमा नहीं


बाबा ने कहा है—


“याद रखोगे कि, सामूहिक जीवन में किसी को क्षमा करने का हक तुम्हारा नहीं है | मान लो तुम्हारे सामूहिक जीवन पर किसी ने चोट लगाई; तो, उसको क्षमा करने का, या वहाँ सहिष्णु बनने का हक तुम्हारा नहीं है | क्यों ? वह तो तुम्हारी वैयष्टिक चीज़ नहीं है; वह तो सामूहिक बात है | ख़ुदा न ख़्वास्ता अगर भारत पर कोई आक्रमण किया, तो वह तो तुम्हारी वैयष्टिक चीज़ नहीं है, सामूहिक चीज़ है | वहाँ क्या करना है ? वहाँ क्षमा नहीं करनी है | वहाँ बरदाश्त नहीं करके तुम क्या करोगे ? न, हमलावर पर तुम लड़ाई करोगे, तुम भी हमला करोगे उस पर, तुम लड़ाई करोगे; दुश्मन को हटा दोगे, भगा दोगे | वहाँ सहिष्णुता, क्षमा नहीं | क्यों ? न, सामूहिक जीवन की चीज़ है | मगर, वैयष्टिक जीवन में किसी ने तुम पर चोट लगाई, तो, जहाँ तक सम्भव हो, तुम क्षमा करते रहो, सहिष्णु बनते रहो | 


तुम लोग समझ गए हो, सामूहिक और वैयष्टिक जीवन की ? वैयष्टिक जीवन का यह महान गुण है | सामूहिक जीवन के लिए यह महान दोष है | सामूहिक जीवन में भारतवासी इस दोष से ग्रस्त हैं | सतर्क रहोगे—यह दोष बहुत ख़राब दोष है | [आ०व०, विशुद्ध 28, अध्याय 13, जनरल दर्शन 30 December 1970, Patna] । 


बाबा का आदेश है कि अगर सामाजिक पाप किसी ने किया, सामाजिक क्षति हुई, तो पापियों को माफ़ करने का किसी का अधिकार नहीं है । शास्त्र लुटेरों को क्षमा नहीं ।


बोन्डे जी की कुशिक्षा के बाद कुछ ज्ञानी गुणी मार्गी बोन्डे जी के समर्थन में अज्ञानी की तरह दौड़ पड़े । इस तरह से भेड़-चाल शुरू हुई । इस भेड़-चाल का सारा वर्णन Whats App वार्ता की निम्न झलकियों में आपको मिल जाएगा । 


Courtesy Whats App


[18/12, 7:11 AM] OAOD Bonde Dada: मनीषा नन्द दादा की।सोच लॉजिकल थी।

दादा हरिशंकर जी ड्यूटी निभा रहे थे। Logic v/s Duty ??? क्या होना चाहिए था। क्या हरिशकर दादा को GS से चर्चा करना चाहिए था? अतीत से हमें सीखना चाहिए। बाबा कार्य की गति आगे बढ़ते देखना चाहते थे। आज की इस्थी में 1990 के पहले जो हुआ, उसे एक्सेप्ट करना चाहिए। भूलवश जो छूट गया उसे संशोधन के रूप में लेना चाहिए। ये मेरा व्यक्तिगत मत है। अतीत में उलझ गए तो प्रगति रुक जाएगी। ऐसा मेरा चिंतन कहता है।

.. .. 

[18/12, 7:19 AM] Arun Agrawal: नमस्कार, अपने अतीत को भुलाते हुए सकारात्मक सोच एवम् विचार के साथ अग्रसर होने पर ही व्यक्तिगत व समाज का उत्थान एवम् कल्याण है।

[18/12, 7:20 AM] OAOD Bonde Dada: 🎯🙏🏻

[18/12, 7:25 AM] Ashok Priyadarshi: 👍🏾

जब से जागे तभी से सवेरा। अतीत के भूल कोई चमत्कारी रोटी नहीं हैं जो हमारा भविष्य सुधार सके।

[18/12, 9:20 AM] AM BIJAYA DIDI LUCKNOW Amurt: एकदम सही


Courtesy Whats App


नमस्कार,

निर्विकार